Sunday, June 7, 2009

आ अब लौट चलें ........











मैं मूलत: उत्तरांचल का निवासी हूँ । मेरे पिताजी सेना में अधिकारी थे जिसके कारण हम देहरादून में बस गए । समय व्यतीत होता गया। समय के साथ साथ मैं भी नौकरी के लिए बाहर आ गया । एक बार याद आया क्यों न अपने परिवार को अपनी जन्म भूमि दिखा लाऊं । मई २००८ में हमने श्री केदारनाथ व बद्रीनाथ जी के दर्शन का कार्यक्रम बनाया। मेरे इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य अपने बच्चों को उत्तरांचल के बारे में थोडा ज्ञान देना था। इस कार्यक्रम की सम्पूर्ण रूप रेखा गढ़वाल मंडल विकास निगम द्वारा त्यार की गई थी ।

जैसे जैसे कार आगे बढती गई लगा कहीं से आवाज आ रही थी ....आओ मुझे तुम्हारा इन्तजार था । प्राकृतिक दृश्य तथा वहां के लोगों का सादगी भरा जीवन मन मोह लेने वाला था।

इस ब्लॉग के माध्यम से मैं उन सभी भाई बहनों से अनुरोध करूंगा की आप रोजी रोटी की तलाश में कहीं भी हों अपनी जन्म भूमि से अलग न हों । मां हर बच्चे का इंतजार कर करती है ।

Saturday, June 6, 2009

Hopes from the new govt.

The new govt at the centre has taken charge. With the address of the President it appears that govt. is in hurry keeping in view 100 days in mind as target. Well fixing the target is good but the govt. must think in the terms of completing the required task on ground instead of mere on papers. People have given their mandate to the govt. to work for five years (and not for 100 days). Take care of the poors. Please 'NO LEFT', 'NO RIGHT'.....go straight.